कृत्तिका तारागुच्छ
प्लीयडीज़ | |
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प्रेक्षण तथ्य (J2000 युग) | |
तारामंडल | वृष तारामंडल |
दायाँ आरोहण | 03h 47m 24s[1] |
झुकाव | +24° 07′ 00″[1] |
दूरी | 444 ly on average[2][3][4][5] (136.2±1.2 pc) |
सापेक्ष कांतिमान (V) | 1.6[6] |
सापेक्ष आकार (V) | 110' (arcmin)[6] |
भौतिक गुण | |
अन्य नामांकन | Seven Sisters,[1] M45,[1] Cr 42,[1] Mel 22[1] |
कृत्तिका, जिसे प्लीयडीज़ भी कहते हैं, वृष तारामंडल में स्थित B श्रेणी के तारों का एक खुला तारागुच्छ है। यह पृथ्वी के सब से समीप वाले तारागुच्छों में से एक है और बिना दूरबीन के दिखने वाले तारागुच्छों में से सब से साफ़ नज़र आता है।[7] कृत्तिका तारागुच्छ का बहुत सी मानव सभ्यताओं में अलग-अलग महत्व रहा है। इसमें स्थित ज़्यादातर तारे पिछले १० करोड़ वर्षों के अन्दर जन्में हुए नीले रंग के गरम और बहुत ही रोशन तारे हैं। इसके सबसे रोशन तारों के इर्द-गिर्द धूल भी दमकती हुई नज़र आती है। पहले समझा जाता था कि यह यहाँ के तारों के निर्माण के बाद बची-कुची धूल है, लेकिन अब ज्ञात हुआ है कि यह अंतरतारकीय माध्यम (इन्टरस्टॅलर मीडयम) में स्थित एक अलग ही धूल और गैस का बादल है जिसमें से कृत्तिका के तारे गुज़र रहें हैं।
खगोलशास्त्रियों का अनुमान है कि इस तारागुच्छ और २५ करोड़ वर्षों तक साथ हैं लेकिन उसके बाद आसपास गुरुत्वाकर्षण कि खींचातानी से एक-दूसरे से बिछड़कर तित्तर-बित्तर हो जाएँगे। कृत्तिका पृथ्वी से ४०० और ५०० प्रकाश वर्ष के बीच की दूरी पर स्थित है और इसकी ठीक दूरी पर वैज्ञानिकों में ४०० से लेकर ५०० प्रकाश वर्षों के बीच के आंकड़ों में अनबन रही है।
अन्य भाषाओं में
[संपादित करें]कृत्तिका को अंग्रेज़ी में "प्लीयडीज़" (Pleiades) कहते हैं। फ़ारसी में इसे "परवीन" (پروین) कहते हैं जो भारतीय उपमहाद्वीप में भी बहुत सी महिलाओं के नाम के लिए इस्तेमाल होता है, जैसे कि परवीन बाबी। अरबी भाषा में इसे "सुराया" या "सोराया" (ثريا) बोलते हैं, जिसका आम भारतीय और पाकिस्तानी उच्चारण "सुरईय्या" है। यह नाम भी भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान और अफ़्ग़ानिस्तान में स्त्रियों के लिए प्रचलित है और १९४०-१९५० के दशकों की एक मशहूर हिंदी फिल्म अभिनेत्री का नाम भी था। ध्यान दें की फ़ारसी-अरबी लिपि के "ث" की ध्वनि को भारतीय, पाकिस्तानी, अफ़्ग़ान और ईरानी लोग "स" का उच्चारण देते हैं जबकि अरब लोग "थ़" का उच्चारण देते हैं (जो "थ" से ज़रा भिन्न है), इसलिए अरबीभाषी इस नाम को "थ़ुराया" उच्चारित करते हैं।
भारतीय संस्कृति में महत्व
[संपादित करें]कृत्तिका को भारतीय सभ्यता में एक नक्षत्र का दर्जा मिला हुआ है, जिसका नाम कृत्तिका नक्षत्र ही है। यह युद्ध के देवता "स्कन्द" से सम्बंधित है, जिनकी छह माएँ थीं और हर माँ के लिए उनका एक भिन्न मुख था। स्कन्द को विशेष रूप से तमिल संस्कृति में "मुरुगन" और "सेन्तिल" के नाम से पूजा जाता है।
वर्णन
[संपादित करें]कृत्तिका हमसे ४००-५०० प्रकाश वर्षों की दूरी पर है। यदि इसका अपना आकार देखा जाए तो इसके केन्द्रीय भाग का अर्धव्यास (रेडियस) लगभग ८ प्रकाश वर्ष है। इसके गुरुत्वाकर्षण से उत्पन्न ज्वारभाटा बल लगभग ४३ प्रकाश वर्षों के अर्धव्यास वाले क्षेत्र में ज़ोर पर है। अध्ययन करने पर इसमें १,००० से भी ज़्यादा तारे और अन्य खगोलीय वस्तुएँ पाई गई है, हालांकि इसमें बहुत से एक दिखने वाले तारे वास्तव में द्वितारे होंगे इसलिए हकीकत में यह आंकड़ा और भी अधिक होना चाहिए। इसमें स्थित तारों में से १४ पृथ्वी से बिना दूरबीन के सहायता के देखे जा सकते हैं। अगर कृत्तिका में मौजूद सभी वस्तुओं को मिलाकर कुल द्रव्यमान (मास) देखा जाए तो यह लगभग हमारे सूरज के द्रव्यमान का ८०० गुना है।
कृत्तिका में बहुत से भूरे बौने भी स्थित हैं, जो वैसे तो तारों की तरह गैस के बने होते हैं लेकिन इतने बड़े भी नहीं होते की इनमें हाइड्रोजन कुचलकर नाभिकीय संलयन (न्यूक्लीयर फ्यूज़न) शुरू हो सके। इस वजह से यह तारों की रोशनी नहीं रखते। पूरे कृत्तिका के लगभग २५% सदस्य ऐसे ही भूरे बौने हैं हालांकि द्रव्यमान कम होने से इनका कृत्तिका के कुल द्रव्यमान में हिस्सा केवल २% ही है। खगोलशास्त्रियों ने कृत्तिका जैसे नए तारागुच्छों के भूरे बौनों को परखने में बहुत ज़ोर लगाया है क्योंकि इनमें फिर-भी कुछ रोशनी है और यह ठीक से देखे जा सकते हैं। अधिक आयु वाले तारागुच्छों के भूरे बौने बूढ़े और धुंधले होते हैं।
मुख्य तारे
[संपादित करें]कृत्तिका के नौ सबसे रोशन तारों के अंग्रेज़ी नाम यूनानी मिथ्य-कथों के कुछ पात्रों पर रखे गए हैं और इस प्रकार हैं: [8][9]
नाम | अंग्रेज़ी नाम | बायर नाम | कान्तिमान (मैग्निट्यूड) |
श्रेणी | टिप्पणी |
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अम्बा | ऐलसायनी (Alcyone) | η Tauri | २.८६ | B7 IIIe | |
वर्षयंती | ऐटलस (Atlas) | 27 Tauri | ३.६२ | B8 III | |
दुला | इलॅक्ट्रा (Electra) | 17 Tauri | ३.७० | B6 IIIe | |
अभ्रयंती | माया (Maia) | 20 Tauri | ३.८६ | B7 III | |
मेघयंती | मेरोपी (Merope) | 23 Tauri | ४.१७ | B6 IVev | |
नितत्नी | टेयिजिटा (Taygeta) | 19 Tauri | ४.२९ | B6 V | |
चुपुणिका | प्लायोनी (Pleione) | 28 (BU) Tauri | ५.०९ (परिवर्ती) | B8 IVpe | |
सलीनो (Celaeno) | 16 Tauri | ५.४४ | B7 IV | ||
स्टॅरोपी (Sterope) या अस्टॅरोपी (Asterope) | 21 Tauri और 22 Tauri | ५.६४ और ६.४१ | B8 Ve और B9 V | यह एक दोहरा तारा है | |
कोई पारम्परिक नाम नहीं | 18 Tauri | ५.६५ | B8 V |
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ इ ई उ ऊ "Cl Melotte 22". SIMBAD. en:Centre de données astronomiques de Strasbourg. अभिगमन तिथि 2007-04-20.
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;vanleeuwen09
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का गलत प्रयोग;majaess11
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का गलत प्रयोग;Percival
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;Zwahlen
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ अ आ Messier 45
- ↑ Terence Dickinson. "NightWatch: a practical guide to viewing the universe". Firefly Books, 1998. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781552093023.
- ↑ "Goddessess in Ancient India," Prithvi Kumar Agrawala, Abhinav Publications, 1984, ISBN 9780391029606, ... They form a group of seven stars which are named in the Taittiriya Brahmana as Amba, Dula, Nitatni, Abhrayanti, Meghayanti, Varshayanti and Chupunika ...
- ↑ "बाबूराम आचार्य स्मृतिग्रन्थ," इतिहास शिरोमणी बाबूराम आचार्य शतवार्षिक समारोह समिति, नेपाल, १९८९, ... दुला 17 Tauri ... नितत्नी 19 Tauri ... अभ्रयन्ती 20 Tauri ... वर्षयन्ती 27 Tauri ... मेघयन्ती 23 Tauri ... मेरो विचारमा 28 Tauri नै चुपुणीका हो ... (नेपाली भाषा में)