इदम्, अहम् तथा पराहम्
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इदम्
[संपादित करें]अंग्रेजी 'इड' (id) का तुल्य हिन्दी। इदं जन्मजात प्रकृति का होता है तथा इसमें मुख्य रूप से व्यक्ति की मूल वासनाएँ, प्रवृत्तियाँ तथा दमित इच्छाएँ आती हैं। इदं किसी भी तरह का तनाव नहीं सह सकता है और बिना किसी बाधा या इंतजार के तत्काल आनंद, सुख व संतुष्टि प्राप्त करना चाहता है। यह पूर्णतः अचेतन में काम करता है।
अहम्
[संपादित करें]मनोविज्ञान में अहं (Ego / ईगो) अथवा "मैं", अथवा "स्व" का अर्थ मानव की उन समस्त शारीरिक तथा मानसिक शक्तियों से है जिनके कारण वह "पर" अर्थात् "अन्य" से भिन्न होता है। मनोविश्लेषण में मुनष्य की वे शक्तियाँ जो उसको यथार्थता (रियलिटी प्रिंसिपल) के अनुसार व्यवहार करने के लिए प्रेरित करती हैं। मनोवैज्ञानिकों का विचार है कि "अहम्" और "पर" का बोध तथा विकास साथ-साथ होता है। यह अर्ध चेतन मन की अवस्था है ।
पराहम्
[संपादित करें]अंग्रेजी 'सुपर-इगो' (super-ego) का तुल्य हिन्दी। पराहं सामाजिक मान्यताओं, संस्कारों व आदर्शों से संबंधित होता है तथा मानवीय,सामाजिक और राष्ट्रीय हित में व्यक्ति को त्याग व बलिदान हेतु तत्पर करता है। पराहम् पूर्णतः चेतन से निर्धारित होता है।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- American Psychological Association
- Sigmund Freud and the Freud Archives
- Section 5: Freud's Structural and Topographical Model, Chapter 3: Personality Development Psychology 101.
- An introduction to psychology: Measuring the unmeasurable
- Splash26, Lacanian Ink
- Sigmund Freud
- Sigmund Freud's theory (Russian)