हिंदी आलोचना
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (मई 2019) स्रोत खोजें: "हिंदी आलोचना" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
हिन्दी की विभिन्न विधाओं की तरह आलोचना का विकास भी प्रमुख रूप से आधुनिक काल की देन है। आधुनिक काल से पहले आलोचना का स्वरुप प्रमुखतया संस्कृत काव्यशास्त्र की पुनरावृति हुआ करती थी। लेकिन आज जो हिन्दी आलोचना का स्वरुप है उसका आरम्भ आधुनिक हिन्दी साहित्य के साथ साथ हुआ है।
आधुनिक गद्य साहित्य के साथ ही हिन्दी आलोचना का उदय भी भारतेन्दु युग में हुआ | विश्वनाथ त्रिपाठी ने संकेत किया है कि “हिंदी आलोचना पाश्चात्य की नकल पर नहीं, बल्कि अपने साहित्य को समझने-बूझने और उसकी उपादेयता पर विचार करने की आवश्यता के कारण जन्मी और विकसित हुई।” हिन्दी आलोचना भी संस्कृत काव्यशास्त्र की आधार-भूमि से जुड़कर भी स्वाभाविक रूप से रीतिवाद, साम्राज्यवाद, सामन्तवाद, कलावाद और अभिजात्यवाद विरोधी और स्वच्छन्दताकामी रही है। रचना और आलोचना की समानधर्मिता को डॉ राम विलास शर्मा के इस मन्तव्य से समझा जा सकता है कि जो काम निराला ने काव्य में और प्रेमचन्द ने उपन्यासों के माध्यम से किया वही काम आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने आलोचना के माध्यम से किया। रसज्ञ रंजन की विधा आलोचना है|
प्रमुख आलोचना ग्रंथ
[संपादित करें]मुख्य लेख हिंदी आलोचनाओं की सूची
- अलंकार मंजूषा 1916 लाला भगवानदीन
- काव्य कल्पद्रुम 1926 कन्हैया लाल पोद्दार
- रस कलश 1931 अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
- साहित्य पारिजात 1940 शुकदेव बिहारी मिश्र (मिश्रबंधुओं — श्याम बिहारी मिश्र, गणेश बिहारी मिश्र, शुकदेव बिहारी मिश्र)
- काव्यदर्पण 1947 रामधहिन मिश्र
- रसज्ञ रंजन 1920 महावीर प्रसाद द्विवेदी
- हिंदी नवरत्न 1910 मिश्रबंधु
- देव और बिहारी कृष्ण बिहारी मिश्र
- बिहारी और देव लाला भगवानदीन
प्रमुख आलोचक
[संपादित करें]इसके आलावा हिन्दी साहित्य में और भी कई आलोचक हुए हैं जिनमें सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय, डॉ. फ़तेह सिंह, प्रेमघन, गंगा प्रसाद अग्निहोत्री, अम्बिकादत्त व्यास, डॉ. रामकुमार वर्मा, डॉ. कृष्णलाल, डॉ. केसरी नारायण शुक्ल , जयशंकर प्रसाद, आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, डॉ. विनय मोहन शर्मा , डॉ. हरवंशलाल शर्मा, इलाचन्द्र जोशी, शिवदान सिंह चौहान, अमृतराय, डॉ. विजयेन्द्र स्नातक, डॉ. विजयपाल सिंह, गोलेन्द्र पटेल, डॉ. सत्येन्द्र, डॉ. कृष्णदेव उपाध्याय आदि का नाम लिया जा सकता है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- हिन्दी आलोचना की बीसवीं शदी (गूगल पुस्तक ; लेखिका-निर्मला जैन)
- हिन्दी की आरम्भिक आलोचना (प्रेरणा पत्रिका)
- साहित्य-सिद्धान्त और समालोचना
- हिन्दी साहित्य सामान्य ज्ञान
- Dictionary of the History of Ideas: Literary Criticism
- Truman Capote Award for Literary Criticism Award Winners
- Internet Public Library: Literary Criticism Collection of Critical and Biographical Websites