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पानी का चश्मा

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अमेरिका के मिशिगन राज्य में स्थित मैकिनैक द्वीप पर एक चश्मा

पानी का चश्मा ऐसी जगह को बोलते हैं जहाँ ज़मीन में बनी दरार या छेद से ज़मीन के भीतर के किसी जलाशय का पानी अनायास ही बाहर बहता रहता है।

अन्य भाषाओँ में

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  • कश्मीरी में चश्मे को "नाग" बोलते हैं। कई कश्मीरी जगहों के नाम में यह आता है जैसे अनंतनाग (यानि वह स्थान जहाँ चश्मे ही चश्मे हों) और कोकरनाग (यानि मुर्ग़ी वाला चश्मा - संस्कृत में मुर्ग़ी को "कुक्कुट" बोलते हैं और कश्मीरी में उससे मिलता जुलता "कोकर" शब्द है)
  • फ़ारसी में चश्मे को "चश्मा" (چشمہ) ही बोलते हैं
  • अंग्रेज़ी में चश्मे को "स्प्रिंग" (spring) बोलते हैं
  • कुमाऊँनी में इन्हें "नौला" कहा जाता है। पहाड़ी ग्रामीण इलाकों में पेयजल की आपूर्ति के ये प्रमुख साधन हैं।

चश्मों की उत्पत्ति

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चश्मे अक्सर ऐसे क्षेत्रों में बनते हैं जहाँ धरती में कई दरारें और कटाव हो जिनमें बारिश, नदियों और झीलों का पानी प्रवेश कर जाए। फिर यह पानी जमीन के अन्दर ही प्राकृतिक नालियों और गुफाओं में सफ़र करता हुआ किसी और जगह से ज़मीन से चश्मे के रूप में उभर आता है। कभी-कभी ज़मीन के अन्दर पानी किसी बड़े जलाशय में होता है जो दबाव के कारण या पहाड़ी इलाक़ों में ऊंचाई से नीचे आते हुए ज़मीन के ऊपर चश्मों में से फटकर बाहर आता है।

इन्हें भी देखें

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  • मणिकर्ण, हिमाचल प्रदेश का चश्मों के लिए प्रसिद्ध शहर
  • वेरीनाग, जिसे कश्मीर में झेलम नदी का स्रोत माना जाता है