चित्र
संज्ञा
पु.
अनुवाद
- बंगाली:চিত্র bn:চিত্র
- अंग्रेज़ी : image en:image, painting en:painting
- फ्रांसीसी : image स्त्री. fr:image, peinture स्त्री. fr:peinture
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- चित्र (विकिपीडिया)
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
चित्र ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ चित्रित]
१. चंदन आदि से माथे पर बनाया हुआ चिह्न । तिलक ।
२. विविध रंगो के मेल से बनी हुई नाना वस्तुओं की आकृति । किसी वस्तु का स्वरूप या आकार जो कागज, कपड़े, पत्थर लकड़ी , शीशे आदि पर तूलिका अथवा कलम और रंग आदि के द्वारा बनाया गया हो । तसवीर । उ॰—चित्रलिखित कपि देखि डेराती ।—तुलसी (शब्द॰) । यौ॰—चित्रकला । चित्रविद्या । क्रि॰ प्र॰पु—उरेहना ।—खींचना ।—बनाना ।—लिखना । करना—अचरज करना । आरंभ करना । उ॰—अहो मित्र कछु चित्र न कीजै । हरि की महिमा मैं मनु दीजै ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ २६२ । मुहा॰—चित्र उतारना = (१) चित्र बनाना । तसवीर खींचना । (२) वर्णन आदि के द्वारा ठीक ठीक दृश्य सामने उपस्थित कर देना ।
३. काव्य के तिन अंगो में से एक जिसमें व्यंग्य की प्रधानता नहीं रहती । अलंकार ।
४. काव्य में एक प्रकार का अलंकार जिसमें पद्यों के अक्षर इस क्रम से लिखे जाते हैं कि हाथी, घोड़े, खङ्ग, रथ, कमल आदि के आकार के बन जाते है ।
५. एक प्रकार का वर्णवृत्त जो समानिका वृत्ति के दो चरणों को मिलाने से बनता है ।
६. आकाश ।
७. एक प्रकार का कोढ़ जिसमें शरीर में सफेद चित्तियाँ या दाग पड़ जाते हैं ।
८. एक यम का नाम ।
९. चित्रगुप्त ।
१०. रेंड़ का पेड़ ।
११. अशोक का पेड़ ।
१२. चीते का पेड़ । चित्रक ।
१३. धृतराष्ट्र के चौदह पुत्रों में से एक ।
चित्र ^२ वि॰
१. अदभुत । विचित्र । आश्चर्यजनक । विस्मयकारी । उ॰—हे नृप, हयाँ कछु चित्र न मानि । ते सब हरहि मिलेई जानि ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३१८ ।
२. चितकबरा । कबरा ।
३. रंगबिरंगा । कई रंगों का ।
४. अनेक प्रकार का । कई तरह का ।
५. चित्र के समान ठीक । दुरुस्त । उ॰—बाँके पर सुठि बाँक करेहीं । रातिहि कोट चित्र कै लेहीं ।—जायसी (शब्द॰) ।
चित्र ^३ पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चित्रिणी] दे॰ 'चित्रिणी' । उ॰—चारि जाति है त्रीय तन पदमिनि हस्तिनि चित्र । फुनि संषिनिय प्रमान इह मन नह रंजिय मित्त पृ॰ रा॰ २५ । ११९ ।