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२०२४ लेबनान पेजर धमाके

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एक सांकेतिक पेजर यंत्र

२०२४ लेबनान पेजर धमाके उस देश में १७ सितम्बर २०२४ मंगलवार को एक के बाद एक कई पेजर में धमाके हुए और फिर बुधवार को वॉकी-टॉकी में हुए धमाकों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लेबनान में इन दो दिनों में हुए अलग-अलग धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो चुकी है जबकि 287 लोगों की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। बुधवार को कुल 25 लोगों की जानें गईं और 708 लोग जख्मी हुए। जबकि मंगलवार को 12 लोगों की मौत हुई और 2323 लोग घायल हुए। [1] इन धमाकों के नशाने पर लेबनान में स्थित हिज़्बुल्लाह गरिला समूह और उसके समर्थक थे जो इज़राईल पर बार-बार हमले कर रहे थे। यह लोग अपने ठिकानों की खोज और संदेशों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए पेजर का इस्तेमाल कर रहे थे जो इन्ही यंत्रों द्वारा नशाना बनाए गए। समझा जाता है कि इसमें सीधे या परोक्ष रूप से इज़राईल की एजेन्सी मोसाद का हाथ है।

योजना और उसका क्रियाकरण

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बीते दिनों इसराइल के रक्षा मंत्री याओव गैलेंट ने 'युद्ध का नया दौर' शुरू होने की बात कही थी। इसराइली सेना को भी उत्तरी इलाक़े में तैनात किया गया था। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने ख़तरा बढ़ने को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि सभी पक्ष शांति बनाए रखें। लेबनानी रेड क्रॉस का कहना है कि ‘अलग-अलग इलाक़ों में हुए कई धमाकों’ के बाद उसकी टीमें देश के दक्षिण और पूर्व में ग्राउंड पर हैं।

लेबनान में स्थिति ऐसी बन गई है कि हिज्बुल्लाह के लड़ाके इस्तेमाल किए जाने वाले और इस्तेमाल नहीं किए जाने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों की जांच में जुट गए हैं। सिलसिलेवार तरीके से इन डिवाइसों से जुड़े खतरों पर गौर किया जा रहा है। इस बीच सीआईए के पूर्व अधिकारी रॉबर्ट बेयर ने सीएनएन को बताया कि लेबनान में धड़ाधड़ हो रहे ब्लास्ट से पता चलता है कि इजरायल एक तरह से हिज्बुल्लाह की स्पलाई चेन से छेड़छाड़ कर सकता है और ऐसा करना किसी के लिए भी आसान नहीं था।[2]

प्रतिक्रिया

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हिज्बुल्लाह ने इस पूरी घटना के बाद युद्ध का एलान किया और बदले की क़सम खाई।

सन्दर्भ

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