फिटकरी
फिटकरी (Alum), एक रंगहीन, क्रिस्टलीय पदार्थ है। साधारण फिटकरी का रासायनिक नाम 'पोटाश एलम' (KAl(SO4)2.24H2O) होता हैं। 'ऐलम' शब्द जब बहुवचन में प्रयुक्त होता है, तब उससे उन सभी यौगिकों का बोध होता है, जो पोटाश ऐलम से संगठन में समानता रखते हैं। ऐसे यौगिकों में पोटैश का स्थान, लिथियम, सोडियम, अमोनियम, रूबीडीयम, सीज़ियम, टेल्यूरियम धातुएँ तथा हाइड्रॉक्सीलैमिन (NH4O) एवं चतुर्थक नाइट्रोजन क्षारक (N(C H3)4) मूलक ले सकते हैं। ऐलुमिनियम का स्थान क्रोमियम (क्रोम ऐलम), लोहा (लौह ऐलम), मैंगनीज, इरीडियम, गैलियम, वैनेडियम, कोबल्ट इत्यादि ले सकते हैं। (AB(SO4)2.12H2O) मूलानुपाती सूत्र (इम्पीरिकल सूत्र) वाले सामान्य यौगिकों को 'एलम' नाम से जाना जाता है।[1]
विरल मृद धातुएँ ऐलम नहीं बनती। कुछ यौगिकों में (SO4) मूलक में सल्फर का स्थान सिलीनियम ले सकता है।
परिचय
[संपादित करें]फिटकारी को अंग्रेजी में पोटैश ऐलम या केवल ऐलम भी कहते हैं। यह पोटैशियम सल्फेट और ऐलुमिनियम सल्फेट का द्विलवण है, इसके चतुर्फलकीय क्रिस्टल में क्रिस्टलीय जल के २४ अणु रहते हैं। इसके क्रिस्टल अत्यंत सरलता से बनते हैं।
पहले पहल फिटकरी ऐलम शेल (shale) से बनाई गई थी। यह बड़ी मात्रा में ऐलूनाइट या फिटकरी पत्थर (K2SO4 Al2(SO4)3.4 Al(OH)3) के वायु में भंजन, निक्षालन (lixiviation) और क्रिस्टलीकरण से प्राप्त होती है। ऐलूनाइट से प्राप्त ऐलम को 'रोमन ऐलम' भी कहते हैं। ऐलूमिनों फेरिक के विलयन पर पोटैशियम सल्फेट की क्रिया से भी फिटकारी प्राप्त हो सकती है। फेरिक ऑक्साइड के कारण इसका रंग गुलाबी होता है, यद्यपि विलेय लोहा इसमें बिल्कुल नहीं होता, या केवल लेश मात्र होता है।
पोटैश ऐलम ९२° सें. पर पिघलता है। २००° सें. पर इसका जल निकल जाता है जिसस यह सरंध्र पुंज में परिणत हो जाता है। इसे 'जली हुई फिटकरी' कहते हैं। वायु में इसके क्रिस्टल प्रस्फुटित होते हैं, जो वायु से अमोनिया का अवशोषण कर क्षारक लवण में परिवर्तित हो जाते हैं।
फिटकरी का उपयोग कागज उद्योग, रंगसाजी, छींट की छपाई, पेय जल के शोधन और चमड़ा कमाने में होता है।
ऐलम संकर (Complex) यौगिक नहीं है। पानी में घुलने पर विलयन में इसके समसत आयन अलग अलग रहते हैं : यह समरूपीय क्रिस्टल बनाता है। एक लवण के क्रिस्टल पर दूसरे लवण के क्रिस्टल बड़ी सरलता से बनते हैं। इसके मिश्रित क्रिस्टल भी बनते हैं और विभिन्न लवणों के स्तरों के क्रिस्टल भी बनते हैं। बहुत अधिक विलेय होने के कारण सोडिय ऐलम के क्रिस्टल बड़ी कठिनाई से प्राप्त होते हैं।
स्वास्थ्य एवं सौन्दर्य
[संपादित करें]चिकित्सा में, "फिटकरी" एक वैक्सीन सहायक के रूप में उपयोग किए जाने वाले एल्यूमीनियम हाइड्रॉक्साइड जेल का भी उल्लेख कर सकता है।[2]
- पोटाश एलम का उपयोग रक्त को थक्का बनाने के लिये किया जाता है। दाढ़ी बनाने के बाद प्रायः इसे चेहरे पर रगड़ा जाता है।
- सोलहवीं शताब्दी में फिटकरी मिलाकर त्वचा को श्वेत बनाने वाला पदार्थ बनाया जाता था।
- गर्म बर्तन पर उपस्थित अशुद्धियों को साफ करने के लिए उपयोग किया जाता है जिससे लोहे के धातु पर तुरंत चमक उत्पन्न हो जाती है।
फिटकरी के लवणों की सूची
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एलुमिनियम[संपादित करें]
गैलियम[संपादित करें]
इन्डियम[संपादित करें]
टाइटेनियम[संपादित करें]
वनेडियम[संपादित करें]
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क्रोम[संपादित करें]
मैंगनीज[संपादित करें]
लोह[संपादित करें]
कोबाल्ट[संपादित करें]
रोडियम[संपादित करें]
इरिडियम[संपादित करें]
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सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ ऑस्टिन, जॉर्ज टी. (1984). Shreve's Chemical Process Industries. मैकग्रा-हिल.
- ↑ "Alhydrogel". InvivoGen (invivogen.com). Alum vaccine adjuvant for research. 25 November 2016. अभिगमन तिथि 2018-06-08.