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आण्विक क्रम-विकास

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आनुवांशिकता का आधार डीएनए अणु, जिसके क्रम-विकास से नई जीव जातियाँ उत्पन्न होती हैं।

आण्विक क्रम-विकास समय के साथ-साथ अणुओं (मॉलीक्यूल) में होने वाले क्रम-विकास (इवोल्युशन) को कहते हैं। जीव-वैज्ञानिकों ने कुछ अणुओं की श्रेणियों में युगों के साथ-साथ आए परिवर्तन का गहराई से अध्ययन किया है, जैसे कि डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल, राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल और भिन्न प्रकारों के प्रोटीन। इन अणुओं में हुए क्रम-विकास का जीव-जंतुओं पर बहुत बड़ा असर पड़ता है क्योंकि किसी जीव के अंदर मौजूद आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक) अणु ही यह तय करते हैं कि जीव की प्रकृति क्या होगी। मनुष्यों में भी रंग-रूप, लम्बाई-नाटापन, यहाँ तक कि रक्त समूह भी यही आनुवंशिकी-सम्बंधित अणु निर्धारित करते हैं।

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अंग्रेज़ी में "आण्विक क्रम-विकास" को "मॉलीक्यूलर इवोल्युशन" (molecular evolution) कहते हैं।

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