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YEAR CITY
1896 Athens
1900 Paris
1908 London
1912 Stockholm
1920 Antwerp
1924 Paris
1928 Amsterdam
1948 London
1952 Helsinki
1956 Melbourne
1960 Rome
1964 Tokyo
1972 Munich
1976 Montreal
1980 Moscow
1988 Seoul
1992 Barcelona
1996 Atlanta
2000 Sydney
2004 Athens
2008 Beijing
London
2012
(Scheduled)
History: Reverend Ashley Cooper was the first person to propose the idea of having a Pan-Britannic
sporting contest to foster a spirit of goodwill and understanding within the British Empire. In 1928,
a key Canadian athlete, Bobby Robinson, was given the task of organizing the first ever
Commonwealth Games. These Games were held in 1930, in the city of Hamilton, Ontario, Canada
and saw the participation of 400 athletes from eleven countries.
Since then, the Commonwealth Games have been held every four years, except for the period
during the Second World War. The Games have been known by various names such as the British
Empire Games, Friendly Games and British Commonwealth Games. Since 1978, they have been
known as the Commonwealth Games. Originally having only single competition sports, the 1998
Commonwealth Games at Kuala Lumpur saw a major change when team sports such as cricket,
hockey and netball made their first appearance.
In 2001, the Games Movement adopted the three values of Humanity, Equality and Destiny as the
core values of the Commonwealth Games. These values inspire and connect thousands of people
and signify the broad mandate for holding the Games within the Commonwealth.
After Olympics, Commonwealth Games is the second largest sports festival in the world. The Games
are held once in four years but only in between the Olympic years. The Games were originally
known as the British Empire Games. The first Commonwealth Games were held in 1930 at
Hamilton, Canada. The 10th Commonwealth Games were held at Christchurch, New Zealand in
1974, the 11th in Edmonton (Canada) in 1978, the 12th in Brisbane (Australia) in 1982, the 13th in
Edinburgh (Scotland) in 1986, the 14th in Auckland (New Zealand) in 1990 and the 15th in Victoria
(Canada) in 1994, where about 3,350 athletes from a record 64 nations (including South Africa,
which joined the family of Commonwealth athletes after 36 years) participated. Namibia also, which
gained its independence in 1990, made its debut while Hong Kong made its final appearance in the
Games before being ceded to China in 1997.
S.
Venue Year No of Countries
No
ASIAN GAMES
India played a leading role to organise sports festival for Asian countries on Olympic lines. 'Ever
Onward' is the motto of the Asian Games and 'a bright full rising sun with interlocking rings' is its
emblem. The first Asian Games were held at New Delhi in 1951 followed by Manila, Philippines
(1954); Tokyo, Japan (1958); Jakarta, Indonesia (1962); Bangkok, Thailand (1966, 1970, 1978 &
1998); Teheran, Iran (1974); New Delhi, India (1982); Seoul, South Korea (1986); Beijing, China
(1990); Hiroshima, Japan (1994); Bangkok, Thailand (1998); Busan, South Korea (2002); Doha,
Qatar (2006). The next editions of the Games is scheduled to be held in and Guangzhou, China
(2010).
SAP GAMES
The South Asian Federation Games (SAP Games) is a sport festival of South Asian countries. The
South Asian Sports Federation comprising India, Pakistan, Sri Lanka, Bangladesh, Nepal, Bhutan
and Maldives was formed in New Delhi in November, 1982. The first SAP Games were held in
Kathmandu in 1984 followed by Dhaka (1985), Kolkata (1987), Islamabad (1989), Colombo (1991),
Dhaka (1993) and Chennai (1995). The Eighth SAF Games (September 25-Octobcr 4, 1999) were
held in Kathmandu. Three new events—badminton, rowing and karate were introduced for the first
time in the 9th SAP Games.
New Name For SAF Games: The SAP Games have been rechristencd as South Asian Games,
according to a decision taken by the South Asian Sports Federation at its 32nd meeting held in
Islamabad (Pakistan) on April 2, 2004. www.jagran.com | Bookmark this page | Font Help | FAQs
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खखख खखखखख
कौन जीता कौन हारा कौन बना सरताज, खेलो की दुिनया का िलखते सब हाल
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19 वे कॉमनवेलथ गेमस इस वषर भारत की राजधानी िदलली मे आयोिजत िकए जा रहे है. इस खेल के आयोजन के िलए िपछले एक साल से िदलली मे
िनमाणकायर जोर-शोर से चालू है. एक साल से देश के सभी बडे खेलनायक इस आयोजन के िलए कमर कस रहे है. यो तो ओलंिपक का इितहास बहुत
पुराना है मगर इस केत मे कॉमनवेलथ गेमस का यह महज 19 वा संसकरण है. इस साल होने वाले कॉमनवेलथ गेमस मे कई नई चीजे होगी. हर नई चीज
को जानने से पहले उसके इितहास के बारे मे िवसतार से जान लेना अचछा होता है. आइए नजर डालते है कॉमनवेलथ गेमस और उसके इितहास पर.
कॉमनवेलथ या राष्टमंडल गेम एक बहुराषटीय खेल आयोजन है. इसके साथ ही इसमे कई खेल एक साथ खेले जाते है. इस खेल मे वह सभी देश िहससा
लेते है, जो ओलंिपक के भी सदसय है. इसका आयोजन हर चार साल मे एक बार होता है. इसमे वह सभी खेल खेले जाते है जो ओलिमपक का िहससा
होते है साथ ही राषटमंडल खेलो के अपने भी कुछ खास खेल होते है. इस खेल आयोजन पर िनयंतण का काम राषटमंडल खेल संघ संभालता है.
राषटमंडल खेलो का आयोजन पहली बार वषर 1930 मे हेिमल्टन शहर, ओंटेिरयो( कनाडा) मे आयोिजत िकया गया था. तब इस खेल आयोजन का
नाम िबिटश एमपायर गेमस था. इसके खेल आयोजन का मूल िवचार एक भारतीय का था िजनका नाम एशली कूपर था. उनहोने इस खेल आयोजन को
आपसी शाित और सौहादर के िलए सही मानते हुए इसका पसताव तातकािलक राजनेताओं को िदया था. वषर 1928 मे कनाडा के पमुख एथलीट बॉबी
रॉिबंसन को पथम राष्ट मंडल खेलो के आयोजन का भार सौपा गया. 1930 मे पहली बार इस खेल आयोजन का शुभारंभ हुआ िजसमे मात 11 देशो के
400 िखलािडयो ने िहससा िलया था. इसके नाम मे भी कई बार बदलाव हुए जैसे 1954 मे इसे िबिटश एमपायर और कॉमन वेलथ गेम्स के नाम से
पुकारा गया तो 1970 मे िबिटश कॉमन वेल्थ गेमस से. आिखरकार वषर 1978 मे इसे सवरसममित से कॉमनवेलथ गेमस नाम िदया गया. वषर 1998 मे
कुआलालमपुर मे आयोिजत राष्टमंडल खेलो मे एक बडा बदलाव देखा गया जब िककेट, हॉकी और नेटबॉल जैसे खेलो ने पहली बार अपनी उपिसथित
दजर कराई. हालािक िककेट को अभी भी मानयता नही िमल पाई है.
जो बात इन राषटमंडल खेलो को बाकी खेल आयोजनो से अलग करती है वह है इसका उदेशय और इसकी नीित.
एएएएएए, एएएएएए एए एएएएए. इसका मानना है िक इससे िवशभर मे शाित और सहयोग की भावना बढेगी. यह नीितया हजारो लोगो को पेरणा
देती है और उन्हे आपस मे जोड कर राष्टमंडल देशो के अंदर खेलो को अपनाने का व्यापक नजिरया पदान करती है.
इसके पितयोिगयो की बात करे तो इसमे 6 देश(आसटेिलया, कनाडा, इंगलैणड, नयूजीलैणड, सकॉटलैणड और वेलस) ऐसे है जो पतयेक वषर इसमे िहससा
लेते है. िपछले यानी मेलबोनर मे हुए कॉमन वेलथ गेमस मे सभी 53 राषटमंडल देशो सिहत कुल 71 देशो की टीमो ने भाग िलया था.
और हा, वषर 1930 मे शुर होने के बाद िदतीय िवश युद की वजह से 1930-1942 के मधय इन खेलो का आयोजन न हो सका. मगर 1942 मे
एक बार िफर से इन खेलो का आयोजन होने लगा.
इसके पतीक और कुछ अनय तथय भी बडे रोचक है जैसे महारानी की बेटन िरले, पतीक और लोगो आिद.
एएए एए एए एए एए एएए एएएएए एएए
एएएए एए एएएएएएएएएएए
राषटमंडल देशो का िनमाण िबटेन ने िकया था. इसमे वह सभी 53 देश शािमल है जो कभी िबिटश औपिनवेिशक वयवसथा के भाग थे. राषटमंडल देशो के
िनमाण के पीछे उदेशय लोकतंत, साकरता, मानवािधकार, बेहतर पशासन, मुकत वयापार और िवश शाित को बढावा देना था.
राष्टमंडल खेलो की एक महान परंपरा महारानी की बेटन िरले है. शुरआत मे िरले की जगह िबिटश झंडे का उपयोग होता था िजसे महारानी के
हाथोंं से लेकर धावक दौड लगाते थे. यह झंडा इन खेलो मे िबिटश पभुसता को दशाता था. मगर 1950 के बाद िरले की शुरआत हुई िजसे
धावको का एक दल बिकंघम पैलैस, िबटेन से लेता है. यह िरले पारम्पिरक रप से बिकंघम पैलेस, लंदन मे शुभारंभ कायरकम से शुर होती है, िजसके
दौरान महारानी अपने संदेश के साथ धावक को बेटन सौपती है जो िरले का पथम मानक धावक होता है. बाद मे इस बेटन को पथम गहण करने का
अिधकार सभी बडी खेल हिसतयो को दे िदया गया. बाकी के सभी देशो मे अंगेजी की वणरमाला के मुतािबक बारी-बारी इस िरले को ले जाया जाता है.
एएएएएए
राषटमंडल खेलो का कोई भी समान पतीक नही होता है. हर वषर आयोजन करने वाले देश अपने मुतािबक इस पतीक को चुनते है. इस वषर भारत मे होने
वाले राषटमंडल खेलो का पतीक “एएएए” को रखा गया है. शेरा का तातपयर होता है एएए. इसका पदापण मेलबनर के राष्टमंडल खेलो के समापन
समारोह मे िकया गया. शेरा को शौयर, साहस, शिकत और भव्यता की िनशानी माना जाता है. यह नारंगी और काली पिटयो वाला शेर भारत की भावना को
पकट करता है, जबिक इसके शौयर की कहानी िखलािडयो को अपना सवोतम पदशरन करने की भावना से भर देती है. शेरा को बडे िदल वाला माना जाता
है जो सभी को “आएं और खेले” की भावना से भर देता है.
एएएए
पतीक की तरह ही इसका लोगो भी समान नही रहता हालािक इसके समान पयोग के िलए संघ राषटमंडल देशो का लोगो ही उपयोग करता है. इस वषर होने
वाले खेलो मे लोगो के रप मे चक का पयोग िकया गया है. चक भारत की स्वतंतता, एकता और शिकत का राष्टीय पतीक है. यह सदैव चलते रहने की
याद िदलाता है. ऊपर की ओर सिकय यह सतरंगा चक मानव आकृित मे दशाया गया है जो एक गवोन्नत और रंं ग-िबरंगे राष्ट की वृिद को ऊजा देने के
िलए भारत के िविवध समुदायो को एक साथ लाने का पतीक है.
एएए
लोगो की पेरणादायी पंिकत ‘आएं और खेले’ है. यह राष्ट के पत्येक व्यिकत को इसमे भाग लेने का एक िनमंतण है जो अपनी सभी संकुिचत भावनाओं
को छोडे और अपनी सवोतम कमता के अनुसार खेल की सच्ची भावना के साथ इसमे भाग ले. यह नए िरकॉडर बनाने और िदल्ली के लोगो को 2010
राष्टमंडल खेलो के दौरान एक उतम मेजबान की भूिमका िनभाने का आहान करती है.
एएए
इस वषर कुल 17 खेल शािमल िकए गए है जििनमे पमुख है: तीरंदाजी, जलकीडा, एथलेिटक्स, बैडिमंटन, मुक्केबाजी, साइिकलंग्, िजमनािसटक्स,
हॉकी, लॉनबॉल, नेटबॉल, रगबी 7 एस, शूिटंग, सकैश, टेबल टेिनस, टेिनस, भारोतोलन और कुश्ती.
कॉमनवेलथ गेमस ने िदलली की सूरत बदल कर रख दी है. हर जगह मैटो की पहंुच, नई-नई बसो का नजारा और डीलकस बसो की संखया मे वृिद मानो
िदलली सरकार यातायात को फाइव सटार बनाना चाहती हो. सडको और फलाइओवर की हालत देख आप एक बार चकरा जाएंगे. हर जगह फलाइओवर
और पुलो ने यातायात को सुगम बनाने का बीडा उठा िलया है.
एएएएए एए एएएए
कॉमनवेलथ गेमस के िलए खचा भी बहुत हो रहा है. बजट की बात करे तो खेल मंतालय और अनय सरकारी एजेिसयो से कुल 8324 एएएए
एएएए की बजट पास हुआ है.
• महाराषट सरकार और उसकी शाखा, कॉमनवेलथ यूथ गेमस की तरफ से भी 351 करोड रपए का
अनुदान िदया गया है.
• तो उसके साथ ही िदलली सरकार ने भी 1770 करोड रपए वयय करने का फैसला िकया है.
• इन सब के अितिरकत िदलली सरकार िनमाण, यातायात, पानी आपूितर आिद पर 1770 करोड रपए
खचर कर रही है.
• एनडीएमसी(NDMC), एमसीडी(MCD),डीडीए(DDA), सीपीडबलयूडी(CPWD) सभी अपने कायर
केत मे सीवर और सटीट लाईट आिद का कायर अपने पैसो से कर रहे है.
• दो नए मैटो रट: एयरपोटर से कनॉट पलेस और दूसरा केदीय सिचवालय से बदरपुर.
• पयरटन मंं तालय ने होटल उदोग से जुडे वयवसािययो को िनमाणकायर मे टैकस छू ट देने का फैसला
िकया है.
• इन सब के अितिरकत अनय िवभागो पर भी बहुत खचा िकया गया है िजनमे पमुख है:
1. भारतीय खेल पािधकरण को 2460 करोड रपए, िदलली यूिनविसरटी और जािमया यूिनविसरटी को
खेल-केत मे सुधार के िलए 350 करोड रपए, सीपीडबलयूडी(CPWD) को 28.50 करोड रपए,
िदलली खेल मंतालय को खेल सतर और टेिनंग कैमप सुधारने के िलए 15 करोड रपए का बजट
िदया गया है.
2. खेल और िनमाणकायर के बाद सरकार ने पसार भारती को खेलो के पसारण के िलए 428 करोड
रपए देने का फैसला िकया है, तो िबजली आपूितर के िलए ईसीआइएल(ECIL) को 370 करोड और
सुरका का िजममा संभालने वाली िदलली पुिलस को 172 करोड रपए देने का िनणरय िलया है.
3. अनय खचों मे सबसे अहम है िचिकतसा के िलए 70 करोड रपए का खचर.
4. कुल िमलाकर रकम आंकी गई है 10445 करोड रपए.
अब अगर इतनी बडी रकम को वयय िकया जा रहा है तो सरकार उममीद करेगी िक कॉमनवेलथ गेमस का आयोजन सफल हो तािक भिवषय मे हमे और भी
खेल आयोजनो का मौका िमल पाए.
िफर भी िदलली सरकार और संपूणर भारतवासी इस आयोजन को सफल बनाने मे भरपूर सहयोग और योगदान दे रहे है. जनता अपनी किठनाइयो को नजर
अंदाज कर रही है तो सरकार भी जनता के सहयोग को सराह रही है. अब देखना यह है िक कया इस खेल आयोजन मे सभी देश हमारे इंतजामो से खुश
होते है या कॉमनवेलथ गेमस भारत मे पहली और आिखरी बार बन कर रह जाता है.
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6 पितिकया
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Nikunj के दारा
August 25, 2010
मजॆदार
vinay के दारा
April 21, 2010
Nice article ….keep it up
aman के दारा
July 19, 2010
हैप
jack के दारा
April 21, 2010
बहुत बिढया जानकारी.
manoj के दारा
April 21, 2010
कया पोसट है, इतनी िवसतृत जानकारी तो शायद ही कोई लेख भी दे पाएं. कॉमनवेलथ गेमस के िलए िजस तरह से िदलली मॆं िवकास कायर चल रहे है
उसके िलए हम सभी को तैयार रहा चािहए और इस गेमस के बारे मे पूरी जानकारी होनी चािहए.
कोमनवेलथ गेमस ने िदलली की िजस तरह से सूरत बदली है वह शायद ही िकसी मतदान से हो पाते लेिकन एक खेल समारोह ने िदलली को इतना िवकास
िदया तो हम सब चाहेगे िक इतनी मेहनत पानी मे न जाए और हमारी सरकार को इसके आयोजन से बहुत बडा लाभ हो. लेिकन मन मे एक िटस रहेगी िक
चंद िदनो के खेलआयोजन के िलए तो सरकार ने मानो िदलली को बदल िदया , यह रवैया पहले कहा था, पहले तो कहते थे हो जाएगा अगले चुनाव का
इत 6 जार करो, लेिकन िशला मैडम ने तो एक ही कायरकाल मॆं सब पूरा कर िलया. अगर सरकार चाहे तो कया संभव नही.
खेर इससे कया लेनादेना हमॆं तो इंतजार है कोमनवेलथ गेमस का और उसमे भारतीय िखलािडयो के बेहतरीन पदशरन का.
अनय बलॉग
• एएएएएए एएएएएए
• एएएएएए एएएए
• एएए एएएएएएए
सजदा
उनकी िनगाहे
..मेरे िलए..
कचचे धागे
पेयसी
"बस इक वही"
तततत ततततत
िककेट टी-२० वलडर कप मनोज ितवारीरिवंद जडेजा राषटमंडल खेल साउथ अफीकािहंदी बलॉग Asia
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