कोरापुट
कोरापुट Koraput କୋରାପୁଟ | |
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कोरापुट में पूर्वी घाट की देवमाली पहाड़ियाँ | |
निर्देशांक: 18°48′50″N 82°42′43″E / 18.814°N 82.712°Eनिर्देशांक: 18°48′50″N 82°42′43″E / 18.814°N 82.712°E | |
देश | भारत |
राज्य | ओड़िशा |
ज़िला | कोरापुट ज़िला |
जनसंख्या | |
• कुल | 47,468 |
भाषा | |
• प्रचलित | ओड़िया |
कोरापुट (Koraput) भारत के ओड़िशा राज्य के कोरापुट ज़िले में स्थित एक शहर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2][3]
विवरण
[संपादित करें]कोरापुट दक्षिणी उड़ीसा में पूर्वी घाट की पहाड़ियों में बसा हुआ है। यहाँ के हरे-भरे घास के मैदान, जंगल, झरने, तंग घाटियां आदि सैलानियों को खूब आकर्षित करती हैं। 8534 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह जिला बंगाल की खाड़ी से काफी निकट है। देवमाली जिले की सबसे ऊंची चोटी है जिसकी ऊंचाई 5484 फीट है। दुगुमा, बागरा और खांडाहाटी झरनों से यह जिला और जीवंत हो उठता है। कोरापुट में बने मंदिर, मठ, मध्य काल के स्मारक, आदि अतीत की कहानी कहते प्रतीत होते हैं। इन्हें देखने के लिए पर्यटकों का यहां नियमित आना-जाना लगा रहता है।
प्रमुख आकर्षण
[संपादित करें]सवर श्रीक्षेत्र
[संपादित करें]भगवान जगन्नाथ का यह आधुनिक मंदिर समुद्र तल से 2900 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के शिखर पर बना हुआ है। मंदिर के पास ही एक जनजाति संग्रहालय है, जहां पर्यटकों को आदिवासी संस्कृति और विरासत के विषय में जानकारी दी जाती है।
दुदुमा झरना
[संपादित करें]मत्स्य तीर्थ के नाम से विख्यात यह खूबसूरत झरना 175 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। यहां के हरे-भरे और शांत क्षेत्र में एक हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट विकसित किया गया है। यहां पिकनिक मनाने वालों का सदैव जमावडा लगा रहता है। दुदुमा झरने से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा-सा गांव गुरूवार को लगने वाले बाजार के लिए प्रसिद्ध है।
गुप्तेश्वर मंदिर
[संपादित करें]भगवान शिव का यह प्रसिद्ध गुफा मंदिर चूना पत्थर की एक पहाड़ी पर स्थित है। कोलाब नदी के किनारे यह पहाड़ी प्राकृतिक दृश्यावली से भरपूर है। मंदिर के पवित्र लिंगम को गुप्तेश्वर कहा जाता है जिसका अर्थ छिपे हुए भगवान होता है। छत्तीसगढ़ में इसे गुप्त केदार के नाम से जाना जाता है। शिवरात्रि के मौके पर यहां बड़ी संख्या में शिवभक्तों का आगमन होता है।
दुमुरीपुट
[संपादित करें]यह गांव कोरापुट और सुनादेब के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के निकट स्थित है। यहां का श्रीराम मंदिर भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति के लिए चर्चित है। यह मूर्ति उड़ीसा की सबसे विशाल हनुमान की मूर्ति मानी जाती है। राम नवमी पर्व के मौके पर यहां बड़ी संख्या में राम और हनुमान भक्तों का आगमन होता है।
नंदपुर
[संपादित करें]जेपोर की यह प्राचीन राजधानी बतरीसा सिंहासन के लिए प्रसिद्ध है। 1.8 मीटर ऊंची गणपति की प्रतिमा इस स्थान का प्राचीन वैभव दर्शाती प्रतीत होती है। सरबेश्वर मंदिर और उनमें खुदे अभिलेख भी इस स्थान की अद्वितीयता को बयां करते हैं।
कोलाब बांध
[संपादित करें]कोलाब नदी पर बना यह बांध समुद्र तल से 3000 फीट की ऊंचाई पर है। इस बांध के जल से हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर उत्पन्न की जाती है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस स्थान में नौकायन और पिकनिक का आनंद भी लिया जा सकता है।
जेपोर
[संपादित करें]जेपोर नगर में यहां के प्रारंभिक शासकों द्वारा बनवाया गया किला देखा जा सकता है। यह किला चारों तरफ से ऊंची दीवारों से घिरा है। इसका प्रवेशद्वार काफी ऊंचा है। यहां के डेढ मील चौड़े जलकुंड को जगन्नाथ सागर के नाम से जाना जाता है। यह जलकुंड जलक्रीड़ाओं में रूचि रखने वालों के लिए उचित जगह है। जेपोर कोरापुट जिले के व्यापार केन्द्र के रूप में विकसित हुआ है और यहां का पेपर मास्क क्राफ्ट काफी लोकप्रिय है।
आवागमन
[संपादित करें]- वायु मार्ग
विशाखापट्टनम विमानक्षेत्र कोरापुट का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट देश के अनेक बड़े शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यह एयरपोर्ट कोरापुट से करीब 202 किलोमीटर की दूरी पर है।
- रेल मार्ग
कोरापुट रेलमार्ग द्वारा विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, दिल्ली, चेन्नई और कोलकता आदि शहरों से जुड़ा है।
- सड़क मार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग 26 और राष्ट्रीय राजमार्ग 326 कोरापुट से होकर जाते हैं जो इसे अनेक शहरों से जोड़ते हैं। राज्य परिवहन निगम की नियमित बसें कोरापुट के लिए चलती रहती हैं।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Orissa reference: glimpses of Orissa," Sambit Prakash Dash, TechnoCAD Systems, 2001
- ↑ "The Orissa Gazette," Orissa (India), 1964
- ↑ "Lonely Planet India," Abigail Blasi et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787011991
विकियात्रा पर Koraput के लिए यात्रा गाइड |