चट्टान
चट्टान (Rock) भा पाथर (stone) प्राकृतिक रूप से पावल जाए वाला ठोस पदार्थ हवे जवन एक भा कई किसिम के खनिज सभ के एकट्ठा होखे आ जम के ठोस हो जाए से बने ला।[1] उदाहरण खाती, ग्रेनाइट एगो बहुत आम चट्टान हवे जवन क्वार्ट्ज, फेल्स्पर आ बायोटाइट नाँव के खनिज सभ से मिल के बनल होले। पृथ्वी के सभसे ऊपरी परत, जेकरा के थलमंडल कहल जाला, चट्टान सभ के बनल हऽ। चट्टान सभ के टूट-फूट से निकले वाला महीन कण वाला पदार्थ सभ जब ठोस रूप में एकट्ठा ना होलें बलुक कुछ फुलफुल होखे लें आ जीवी पदार्थ सभ के साथ मिल जालें, इहे माटी के रूप में धरती के सतह पर पावल जालें।
चट्टान भा पत्थर सब के मनुष्य खाती बिबिध उपयोग बा। प्राचीन काल से इनहन के कई तरीका से इस्तेमाल कइल जा रहल बा आ इनहन से निकले वाला खनिज पदार्थ कई तरह के इस्तेमाल में आवे लें। उदाहरण खाती, सीधे चट्टान भा पत्थर के इस्तेमाल मकान आ सड़क बनावे में होला; दुसरे ओर कोइला जेकरा के जरा के ऊर्जा प्राप्त कइल जाला एक तरह के चट्टाने हवे।
आमतौर पर चट्टान के अरथ हमेशा बहुत कठोर चीज से लिहल जाला, हालाँकि कुछ चट्टान बहुत आसानी से टूटे वाली भी होखे लीं।
चट्टान सभ के बर्गीकरण दू गो आधार पर होला — इनहन के बने के प्रक्रिया आ इनहन में शामिल खनिज पदार्थन के आधार पर। इनहन के तीन गो मुख्य प्रकार में बाँटल जाला — आग्नेय चट्टान, सेडीमेंटरी चट्टान आ रूपांतरित चट्टान। चट्टान के अध्ययन करे वाला एकेडेमिक बिसय के पेट्रोलॉजी कहल जाला, ई एक तरह से भूबिज्ञान के भाग हवे।
बर्गीकरण
[संपादन करीं]चट्टान सभ खनिज पदार्थ सभ के मेल से बनल होखे लीं। कौनों एक किसिम के चट्टान में एह खनिज सभ के मेरवन एक्के नियर लगभग पूरा चट्टान भर में होला (एकरा के होमोजीनस बितरण कहल जाला)। आपस में ई खनिज आ बिभिन्न रासायनिक यौगिक (कंपाउंड) सभ रासायनिक बंधन में बन्हाइल रहे लें। कौनों चट्टान में कवन खनिज पदार्थ केतना मात्रा में मिली ई चट्टान के बने के प्रक्रिया पर निर्भर होला।
आग्नेय चट्टान
[संपादन करीं]अइसन चट्टान जे पृथ्वी के भीतर गरम आ पघिलल पदार्थ सभ, जेकरा मैग्मा कहल जाला, जे बाहर आ के बहे लागे तब लावा कहाला, के जमे से बने लीं उनहन के आग्नेय (इग्नीयस) चट्टान कहल जाला। इनहन के भी दू भाग में बाँटल जाला, अइसन चट्टान जे मैग्मा के धरती के सतह पर आ के बाहर निकल के (अइसन ज्यादातर ज्वालामुखी क्रिया के कारण होला) जमे लीं ओनाहन के एक्स्ट्रूसिव आग्नेय चट्टान कहल जाला। एकरे बिपरीत जे चट्टान मैग्मा के ऊपर के ओर उठे पर सतह ले चहुँपे से पहिलही, धरती के भीतरे जैम जाए से बने लीं उनहन के इंट्रूसिव आग्नेय चट्टान कहल जाला।
सेडीमेंटरी चट्टान
[संपादन करीं]अवसादी चाहे परतदार चट्टान अइसन चट्टान होखे लीं जिनहन के जमाव दुसरे चट्टान सभ के टुकड़ा-चूरा वगैरह के जम के कड़ेर होखे से होला। बलुआ पत्थर (सैंडस्टोन), शेल वगैरह कुछ प्रमुख अवसादी चट्टान हईं। आमतौर पर इनहन में परत पावल जाला, एही कारण इनहन के परतदार चट्टान भी कहल जाला। अंग्रेजी नाँव सेडीमेंटरी चट्टान हवे।
रूपांतरित चट्टान
[संपादन करीं]अइसन चट्टान जिनहन के निर्माण कौनों दुसरे चट्टान के, बेसी ताप आ दाब के दशा में, रूप बदल जाए से होखे ला। मार्बल (संगमरमर) अइसने चट्टान हवे।
चट्टान चक्र
[संपादन करीं]लमहर भूबैज्ञानिक समय में, चट्टान एक प्रकार से दुसरे प्रकार में बदल सके ला। अइसन तापमान दबाव वगैरह के बदलाव के चलते होखे ला आ एह में प्लेट टैक्टानिक्स के बहुत भूमिका होखे ला।
मनुष्य द्वारा इस्तेमाल
[संपादन करीं]मानव जाति के टेक्नोलाजिकल आ सांस्कृतिक बिकास में चट्टान के इस्तेमाल के शुरुआत के बहुत बड़हन योगदान आ परभाव रहल बाटे। मनुष्य आ मनुष्य नियर जीव (ह्यूमनॉइड) सभ द्वारा चट्टान के इस्तेमाल लगभग 2.5 मिलियन (25 लाख) सालन से होखत आ रहल बाटे। पाथर के टेक्नालजी (लिथिक टेक्नालाजी) कुछ सभसे पुरान आ अबतक ले लगातार इस्तेमाल होखे वाली टेक्नालाजी में गिनल जा सके ला। चट्टान सभ के घातु निकाले खाती खोदाई (माइनिंग) मनुष्य के एडवांसमेंट में एगो प्रमुख फैक्टर रहल बाटे आ ई अलग-अलग जगह पर अलग दर से फइलल,एहू कारण से कि ओह क्षेत्र के चट्टान में कवन-कवन खनिज धातु पावल जायँ।
बिल्डिंग
[संपादन करीं]चट्टान मजबूती में बहुत कड़ेर से ले के बहुत कमजोर तक हो सके लीं; क्वार्टजाइट के टेंसाइल मजबूती 300 MPa से बेसी हो सके ला (आधुनिक बिल्डिंग में इस्तेमाल होखे वाला इस्टील के टेन्साइल स्ट्रेंथ लगभग 350 MPa होखे ला) आ अइसनो सेडीमेंटरी चट्टान होखे लीं जिनहन के चुटुकी में मीस के फोरल जासके ला (फ्रीयेबल होलीं)। अपेक्षाकृत रूप से नरम, आसानी से खोदाई आ कटाई कइल जा सके जोग चट्टान के मिस्र में खोदाई के 4000 BCE से उदाहरण मिले लें, इनर मंगोलिया में पाथर के इस्तेमाल से किलाबंदी के उदाहरण 2800 BCE से मिले लें। नरम चट्टान टफ के इस्तेमाल इटली में आ रोमन लोग द्वारा कई बिल्डिंग आ ब्रिज बनावे में भइल करे। मध्यकाल के यूरोप में संगमरमर के इस्तेमाल ब्यापक रूप से भइल आ ई बीसवीं सदी मेंभी पापुलर रहल बाटे।
खोदाई भा खनन
[संपादन करीं]खनन (माइनिंग) में पृथ्वी के खन के भूबिग्यानी पदार्थ में से कीमती खनिज निकाले में होला; ई ओर के रूप में भा नस चाहे सीम के रूप में मूल चट्टान में हो सके लें। एह टर्म के इस्तेमाल माटी हटावे खातिर भी होखे ला। चट्टान सभ के खन के निकालल जाए वाला खनिज सभ में बेस मेटल, कीमती धातु, लोहा,यूरेनियम, कोइला, हीरा, संगमरमर, ऑयल शेल, चट्टानी नमक, पोटाश आ कन्स्ट्रक्शन में कामे आवे वालापदार्थ प्रमुख बाड़ें। चट्टान के खनन के जरूरत अइसन पदार्थ हासिल करे खातिर कइल जाला जिनहन के खेती से न उपजावल जासके ला चाहे लैब में बनावटी तरीका से ना पैदा कइल जासके ला। खनन में कौनों भी किसिम के संसाधन के पृथ्वी के चट्टान सभ से खन के निकाले के संदर्भ में (उदाहरण खातिर, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, नमक आ इहाँ तक कि पानी) इस्तेमाल होला।
खनन के काम पुरा-इतिहासी समय से होखत आ रहल बाटे। आधुनिक खनन में पहिले प्रोस्पेक्टिंग (खोजे अनुमान लगावे) के इस्तेमाल होला आ तय कइल जाला कि कहाँ कवन खनिज मिले के संभावना बाटे; लाभ के संभावना के एनालिसिस होला, जरूरत के मिनरल के खन के बहरें निकालल जाला आ अंत में ओह जगह के रिक्लेमेशन होला जहाँ एक बेर खनन के काम हो गइल होखे, जमीन के दुसरे किसिम के भूमि उपयोग में ले आइल जाला।
खनन के काम के तात्कालिक आ लमहर समय में पड़े वाला निगेटिव परभाव हो सके लें, खनन ख़तम होखे के सालन बाद ई निगेटिव परभाव देखे के मिल सके लें। एह संभावित परभाव सभ के चलते दुनियाँ के अधिकतर देसन में रेगुलेशन बाने आ खनन के निगेटिव परभाव के मैनेज करे खातिर बेवस्था बनावल गइल बा।
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ Carmichael, Robert S. "Rock | geology" (अंग्रेजी में). Britannica.com. Retrieved 2017-10-21.
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